₹2.5 लाख से ज्यादा सालाना प्रीमियम वाले ULIPs पर अब इक्विटी म्यूचुअल फंड की तरह टैक्स लगेगा – पॉलिसीहोल्डर्स के लिए इसका क्या मतलब है?

Spread the love

Over ₹2.5 Lakh to be Taxed

बजट 2025 में यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (ULIP) से जुड़े टैक्स नियमों को लेकर बड़ी स्पष्टता दी गई है। अब ₹2.5 लाख से ज्यादा सालाना प्रीमियम वाली ULIPs, जिन्हें सेक्शन 10(10D) के तहत टैक्स छूट नहीं मिलती, उन्हें इक्विटी म्यूचुअल फंड की तरह टैक्स देना होगा।

यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा और खासकर उन पॉलिसीधारकों को प्रभावित करेगा, जिन्होंने 1 फरवरी 2021 के बाद ULIP खरीदी है। आइए समझते हैं कि इस बदलाव का क्या असर होगा।

अब ULIP से होने वाले मुनाफे पर कैसे टैक्स लगेगा?

यदि किसी ULIP की रिडेम्प्शन (निकासी) या मैच्योरिटी (पूरा होने) पर मिलने वाली राशि सेक्शन 10(10D) के तहत टैक्स फ्री नहीं है, तो अब उसे कैपिटल एसेट (पूंजीगत संपत्ति) माना जाएगा। इसका मतलब है कि इस पर अब कैपिटल गेन टैक्स लगेगा, जैसे कि इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर लगता है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
Threads Group Join Now
  • लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG): अगर ULIP को 12 महीने से ज्यादा होल्ड किया गया है, तो ₹1.25 लाख से अधिक के लाभ पर 12.5% टैक्स लगेगा।
  • शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG): अगर ULIP को 12 महीने से कम होल्ड किया गया है, तो इस पर 20% टैक्स लगेगा।

Over ₹2.5 Lakh to be Taxed

सेक्शन 10(10D) क्या है?

सेक्शन 10(10D) के तहत, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के मैच्योरिटी या मृत्यु के बाद मिलने वाली राशि टैक्स-फ्री होती है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ:

  1. अगर सालाना प्रीमियम, सम एश्योर्ड (बीमा राशि) के 10% से ज्यादा है, तो छूट नहीं मिलेगी।
  2. 1 फरवरी 2021 के बाद खरीदी गई ULIPs के लिए, अगर कुल सालाना प्रीमियम ₹2.5 लाख से अधिक है, तो यह टैक्स फ्री नहीं होगी।
  3. 1 अप्रैल 2023 के बाद खरीदी गई एंडोमेंट (गैर-यूलिप) पॉलिसी के लिए, यह सीमा ₹5 लाख है।

यह बदलाव क्यों जरूरी था?

पहले, सेक्शन 10(10D) के तहत टैक्स छूट न पाने वाली ULIPs पर टैक्स कैसे लगेगा, इसे लेकर भ्रम था। कुछ कर विशेषज्ञों का मानना था कि चूंकि एंडोमेंट पॉलिसी से मिलने वाला लाभ “अन्य स्रोतों से आय” (Income from Other Sources) माना जाता है, इसलिए ULIP पर भी इसी तरह टैक्स लगना चाहिए।

अब, बजट 2025 ने साफ कर दिया है कि ऐसी ULIPs कैपिटल एसेट मानी जाएंगी और इन पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा, जो कि अधिकतम 12.5% होगा। यह स्लैब रेट से कम है, जिससे हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNWIs) और इंश्योरेंस कंपनियों को फायदा होगा।

क्या डेब्ट या बैलेंस्ड ULIPs पर भी यही टैक्स लगेगा?

अगर कोई पॉलिसीधारक अपने ULIP का प्रीमियम डेब्ट या बैलेंस्ड फंड में लगाता है, तो टैक्स ट्रीटमेंट इस बात पर निर्भर करेगा कि ULIP की कितनी राशि इक्विटी में निवेश की गई है।

फाइनेंस बिल के अनुसार, अगर ULIP का कम से कम 65% निवेश इक्विटी में किया गया है, तो उसे इक्विटी-ओरिएंटेड फंड माना जाएगा और 12.5% LTCG टैक्स लगेगा। अगर इक्विटी निवेश 65% से कम है, तो टैक्स का तरीका अलग होगा।

क्या यह नियम एंडोमेंट पॉलिसी पर भी लागू होगा?

हां, लेकिन अलग तरीके से।

अगर किसी एंडोमेंट पॉलिसी को सेक्शन 10(10D) के तहत टैक्स छूट नहीं मिलती, तो उसके लाभ को “अन्य स्रोतों से आय” माना जाएगा और वह पॉलिसीधारक की कुल आय में जुड़कर उसके टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स योग्य होगी

क्या मृत्यु पर मिलने वाली बीमा राशि पर भी टैक्स लगेगा?

नहीं, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।

अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके नॉमिनी को मिलने वाली बीमा राशि पूरी तरह टैक्स फ्री रहेगी, चाहे प्रीमियम कितना भी हो।

निष्कर्ष

बजट 2025 के इस बदलाव से ₹2.5 लाख से अधिक सालाना प्रीमियम वाली ULIPs के टैक्स को लेकर बनी असमंजस खत्म हो गई है। अब ULIPs को म्यूचुअल फंड्स की तरह टैक्स किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट और पारदर्शी कर व्यवस्था बनेगी। हालांकि, जो लोग अब भी टैक्स-फ्री लाभ चाहते हैं, उन्हें सही योजना और प्रीमियम सीमा के अंदर रहने की रणनीति बनानी होगी

अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे
दूसरे टॉपिक्स के लिए यहाँ क्लिक करे

1 thought on “₹2.5 लाख से ज्यादा सालाना प्रीमियम वाले ULIPs पर अब इक्विटी म्यूचुअल फंड की तरह टैक्स लगेगा – पॉलिसीहोल्डर्स के लिए इसका क्या मतलब है?”

Leave a Comment

champions trophy india squad 2025 UPI Payment Without Internet: A Simple Guide