
Hackers Targeting Signal Users
क्या आपका मैसेजिंग ऐप सुरक्षित है?
Google ने हाल ही में चेतावनी दी है कि रूसी सरकार समर्थित हैकर ग्रुप जैसे सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स—Signal, WhatsApp, और Telegram—को निशाना बना रहे हैं। ये साइबर हमले खासतौर पर सेना से जुड़े लोगों, राजनेताओं, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं पर केंद्रित हैं।
Signal यूज़र्स पर हैकर्स का हमला: जानिए कैसे चुरा रहे हैं आपके मैसेज
हालांकि शुरुआत में यह हमला यूक्रेन संघर्ष से जुड़ा दिखता है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि जल्द ही यह खतरा दूसरे देशों और इलाकों में भी फैल सकता है।
कैसे हैकर्स चुरा रहे हैं आपके संदेश?
हैकर्स मुख्य रूप से Signal के “Linked Devices” फीचर का दुरुपयोग कर रहे हैं। उनका हमला कुछ इस तरह से काम करता है:
- 🎯 फिशिंग तकनीक – हैकर्स आपको फर्जी QR कोड स्कैन करने के लिए धोखा देते हैं। ये कोड दिखने में असली जैसे लगते हैं, जैसे कि ग्रुप इनवाइट, सिक्योरिटी अलर्ट या डिवाइस लिंकिंग गाइड।
- 🔗 गुप्त लिंकिंग – जैसे ही आप QR कोड स्कैन करते हैं, आपका अकाउंट हैकर के डिवाइस से जुड़ जाता है।
- 🕵️ रियल-टाइम में मैसेज चोरी – इसके बाद, हैकर बिना आपके फोन को पूरी तरह से हैक किए ही आपके सभी मैसेज पढ़ सकते हैं।
कुछ मामलों में, दुश्मन सेना द्वारा जब्त किए गए डिवाइस से भी इन हमलों को अंजाम दिया जाता है। इस तरह की जासूसी गतिविधियाँ लंबे समय तक पकड़ी नहीं जातीं क्योंकि इनमें सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम का इस्तेमाल नहीं होता।
Hackers Targeting Signal Users
कौन-कौन से ग्रुप कर रहे हैं हमला और उनकी तकनीक
कई खतरनाक साइबर ग्रुप इन हमलों में सक्रिय रूप से शामिल हैं:
- UNC5792 (UAC-0195) – यह ग्रुप असली Signal ग्रुप इनवाइट लिंक को बदलकर फर्जी वेबसाइटों पर रीडायरेक्ट करता है, जहां यूज़र्स के अकाउंट हैकर्स के डिवाइस से गुप्त रूप से लिंक कर दिए जाते हैं।
- UNC4221 (UAC-0185) – यह समूह खासतौर पर यूक्रेनी सैन्यकर्मियों को निशाना बनाता है। ये फिशिंग साइट्स में खतरनाक QR कोड छिपाते हैं, जो दिखने में सैन्य एप्लिकेशन जैसे लगते हैं।
- APT44 (Sandworm) – यह ग्रुप मालवेयर और स्क्रिप्ट का इस्तेमाल करता है ताकि Windows और Android डिवाइसों से Signal मैसेज चुराए जा सकें। इसके लिए WAVESIGN और Infamous Chisel जैसे टूल्स का उपयोग किया जाता है।
- Turla और UNC1151 – ये समूह Signal के डेस्कटॉप ऐप को निशाना बनाते हैं और स्टोर किए गए मैसेज को चुराने के लिए टूल्स का इस्तेमाल करते हैं।
- UNC4221 – यह ग्रुप PINPOINT नामक जावास्क्रिप्ट पेलोड का उपयोग कर यूज़र डेटा और लोकेशन की जानकारी एकत्र करता है।
मैसेजिंग ऐप्स पर बढ़ता खतरा क्यों?
सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स की बढ़ती लोकप्रियता के कारण अब WhatsApp और Telegram जैसे प्लेटफ़ॉर्म भी हैकर्स के निशाने पर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स पर खतरे तेजी से बढ़ सकते हैं।
कैसे करें अपने अकाउंट को सुरक्षित?
इन खतरनाक हमलों से बचने के लिए आपको इन आसान सुरक्षा उपायों को अपनाना चाहिए:
- 🔒 मजबूत स्क्रीन लॉक सेट करें – जटिल पासवर्ड या पिन का उपयोग करें।
- 🔄 एप्लिकेशन और डिवाइस अपडेट करें – लेटेस्ट अपडेट से सुरक्षा कमजोरियाँ दूर होती हैं।
- ✅ Google Play Protect चालू करें – यह हानिकारक ऐप्स को पहचानने में मदद करता है।
- 🔍 Linked Devices की नियमित जांच करें – अगर कोई अनजान डिवाइस जुड़ा है तो उसे तुरंत हटाएं।
- ⚠️ QR कोड और लिंक पर सतर्क रहें – स्कैन करने से पहले उनकी विश्वसनीयता जांच लें।
- 🔐 Two-Factor Authentication (2FA) चालू करें – यह सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ता है।
- 📱 iPhone यूज़र्स के लिए Lockdown Mode – उच्च जोखिम वाले यूज़र्स को यह मोड चालू करना चाहिए।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स पर हमलों में वृद्धि हो रही है, सावधानी बरतना जरूरी है। ऊपर बताए गए सुरक्षा उपाय अपनाकर आप इन खतरनाक साइबर हमलों से अपने डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं।
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